नेपाल की राजधानी काठमांडू में शुक्रवार को राजशाही की पुनर्स्थापना की मांग को लेकर हजारों प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए। प्रदर्शन हिंसक हो गया और पुलिस तथा प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं। स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया और सेना तैनात कर दी गई है।
कैसे भड़का विरोध?
नेपाल में 2008 में राजशाही समाप्त कर लोकतांत्रिक गणराज्य स्थापित किया गया था। लेकिन हाल ही में कुछ समूह राजशाही की वापसी की मांग कर रहे हैं। पूर्व राजा ज्ञानेंद्र समर्थक गुटों ने विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया, जिसमें हजारों लोग शामिल हुए।
कर्फ्यू और इंटरनेट बंद
हिंसा के चलते काठमांडू, भक्तपुर और ललितपुर में आदेश जारी कर कर्फ्यू लगा दिया गया।
इंटरनेट सेवाएं आंशिक रूप से बंद कर दी गई हैं ताकि अफवाहों को रोका जा सके।
सरकार ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए लाठीचार्ज और आंसू गैस का इस्तेमाल किया।
क्या चाहते हैं प्रदर्शनकारी?
प्रदर्शनकारी मांग कर रहे हैं कि नेपाल में फिर से संवैधानिक राजतंत्र बहाल किया जाए और हिंदू राष्ट्र का दर्जा वापस मिले। उनका आरोप है कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार और राजनीतिक अस्थिरता बढ़ गई है।
सरकार का बयान
नेपाल सरकार ने साफ किया है कि देश में गणराज्य बना रहेगा और किसी भी तरह की अराजकता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रधानमंत्री पुष्पकमल दाहाल ‘प्रचंड’ ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
क्या नेपाल में फिर लौटेगी राजशाही?
नेपाल में राजशाही की वापसी मुश्किल लग रही है, लेकिन जनता का असंतोष बढ़ता जा रहा है। अगर प्रदर्शन जारी रहते हैं, तो सरकार को सख्त कदम उठाने पड़ सकते हैं।
नेपाल में हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। आगे की अपडेट के लिए जुड़े रहें!