अमेरिका द्वारा हाल ही में घोषित 26% के नए टैरिफ ने वैश्विक व्यापारिक हलकों में हलचल मचा दी है। इस टैरिफ का सीधा असर अब भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ने की आशंका जताई जा रही है। विशेषज्ञों के अनुसार, यदि ये नीति लंबे समय तक लागू रही, तो भारत की GDP वृद्धि दर में 20 से 40 आधार अंकों तक की गिरावट आ सकती है।
भारत की GDP पहले जहां 6.7% अनुमानित थी, अब उसके 6.1% तक गिरने की संभावना जताई जा रही है। यह गिरावट उस वक्त हो रही है जब भारत सरकार देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के मिशन पर काम कर रही है।
अमेरिका का नया टैरिफ और उसका असर
इस टैरिफ के तहत भारत से अमेरिका को निर्यात होने वाले कुछ खास उत्पादों पर भारी टैक्स लगाया जाएगा। इसमें ऑटो पार्ट्स, स्टील, फार्मा और टेक सेक्टर शामिल हैं। इससे न केवल भारतीय कंपनियों की कमाई पर असर पड़ेगा, बल्कि विदेशी निवेशकों का भरोसा भी थोड़ा डगमगा सकता है।
आर्थिक जानकार क्या कहते हैं?
HSBC और अन्य अंतरराष्ट्रीय बैंकों ने अपने रिपोर्ट्स में लिखा है कि भारत को अपनी मौद्रिक नीति में थोड़ी नरमी लानी पड़ सकती है। यानी RBI को ब्याज दरों में कटौती करनी पड़ सकती है, जिससे घरेलू बाजार को कुछ राहत मिल सके।
भारतीय सरकार की प्रतिक्रिया
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वे स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और अगर ज़रूरत पड़ी तो उचित कदम उठाए जाएंगे। भारत सरकार ने WTO (वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइज़ेशन) के ज़रिए अमेरिका से बातचीत शुरू करने की तैयारी भी कर ली है।
क्या आम आदमी पर होगा असर?
सीधे तौर पर टैरिफ का असर आम आदमी पर नहीं दिखेगा, लेकिन यदि भारत की GDP ग्रोथ में गिरावट आती है, तो उसका असर रोजगार, महंगाई, और बाजार के उतार-चढ़ाव पर ज़रूर दिखाई देगा।
निष्कर्ष:
अमेरिका के नए टैरिफ फैसले ने भारत के लिए एक नई चुनौती खड़ी कर दी है। अब देखना होगा कि भारत इस वैश्विक दबाव का कैसे सामना करता है और क्या GDP में गिरावट को रोकने के लिए कोई ठोस नीति अपनाई जाती है।