दुर्गा पूजा का महत्व
दुर्गा पूजा हिन्दू धर्म का एक प्रमुख त्योहार है जो माँ दुर्गा की पूजा और भक्ति को समर्पित है। यह पर्व मुख्य रूप से नवरात्रि के दौरान मनाया जाता है जो नौ दिनों तक चलता है। इस समय भक्त माँ दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा करते हैं और उनकी कृपा पाने के लिए व्रत और आरती करते हैं।
दुर्गा पूजा का महत्व इसलिए भी है क्योंकि यह बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। पौराणिक कथाओं के अनुसार माँ दुर्गा ने महिषासुर नामक राक्षस का वध किया था। यह पर्व हमें सिखाता है कि सच्चाई और धर्म के मार्ग पर चलने से हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।
इस त्योहार में लोग नए कपड़े पहनते हैं घरों को सजाते हैं और माँ दुर्गा की मूर्ति स्थापित कर उनकी पूजा करते हैं। जगह जगह पंडाल बनाए जाते हैं जहाँ भक्त एकत्र होकर भजन और आरती गाते हैं। यह पर्व एकता और भक्ति का संदेश देता है।
दुर्गा पूजा का समय वह समय है जब परिवार और दोस्त एक साथ आते हैं और माँ दुर्गा की कृपा से जीवन में सुख शांति और समृद्धि की कामना करते हैं। यह पर्व हमें नारी शक्ति का सम्मान करना भी सिखाता है क्योंकि माँ दुर्गा शक्ति और साहस की प्रतीक हैं।
इस नवरात्रि माँ दुर्गा की आरती गाकर और उनके प्रति अपनी भक्ति दिखाकर हम अपने जीवन को और बेहतर बना सकते हैं। माँ दुर्गा सभी भक्तों के कष्ट हरें और उन्हें सुखी रखें।
दुर्गा पूजा आरती और महत्व
दुर्गा पूजा आरती
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवजी
माँ जय अम्बे गौरी
माँ तुम्हारी महिमा अपरम्पार
सृष्टि की रचना तुमने की साकार
देवी माँ तुम हो शक्ति की अवतार
तुमको नमन करें हम बारम्बार
माँ जय अम्बे गौरी
कनक समान तुम्हारी काया
फूलों सी कोमल मन की माया
सिंहासन पर विराजित माँ
दुखियों का दुख हरने वाली माँ
माँ जय अम्बे गौरी
तुम हो माता जगत की प्यारी
सबके मन की बात तुम्हारी
भक्तों की पुकार सुनती हो
हर संकट से तुम बचाती हो
माँ जय अम्बे गौरी
दुर्गा पूजा में क्या करें
दुर्गा मां की प्रतिमा या फोटो के सामने दीपक जलाएं
फूल और अक्षत अर्पित करें
आरती और दुर्गा चालीसा का पाठ करें
व्रत रखें और सात्विक भोजन करें
दुर्गा पूजा में क्या न करें
पूजा के समय क्रोध या नकारात्मक विचार न रखें
पूजा स्थान पर मांसाहारी भोजन न बनाएं
शराब या नशे से दूर रहें
पूजा के समय मोबाइल या टीवी पर ध्यान न दें
दुर्गा पूजा का संदेश
दुर्गा पूजा का मुख्य संदेश है कि असत्य पर सदैव सत्य की विजय होती है और बुराई पर अच्छाई की जीत होती है इस पर्व के माध्यम से हम शक्ति साधना के साथ जीवन में सकारात्मक ऊर्जा को अपनाते हैं