गणेश पूजा 2025 शुभ समय सामग्री मंत्र और पूरी विधि – घर बैठे पाएं बप्पा का आशीर्वाद

गणेश पूजा विधि और सामग्री

हिंदू धर्म में भगवान गणेश को ‘विघ्नहर्ता’ और ‘मंगलकारी’ देवता कहा जाता है। हर शुभ कार्य से पहले गणपति का पूजन करना अनिवार्य माना गया है। गणेश पूजा से जीवन की हर बाधा दूर होती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है।

इस लेख में हम जानेंगे –
✅ गणेश पूजा कब और किस समय करनी चाहिए
✅ पूजा में कौन-कौन सी सामग्री लगती है
✅ गणेश पूजा की सही विधि
✅ पूजन मंत्र और उनका महत्व


गणेश पूजा कब करें और समय क्या है?

शास्त्रों के अनुसार भगवान गणेश की पूजा प्रतिदिन सुबह सूर्योदय के बाद और संध्या के समय करना उत्तम माना गया है।

  • सुबह का शुभ समय: ब्रह्म मुहूर्त से लेकर प्रातः 11:00 बजे तक।

  • शाम का शुभ समय: सूर्यास्त के बाद 7:00 बजे से 9:00 बजे तक।

  • गणेश चतुर्थी पर: गणेश स्थापना और पूजन का सबसे श्रेष्ठ समय मध्यान्ह का होता है, यानी सुबह 11:00 बजे से दोपहर 2:00 बजे के बीच।

👉 यदि पूजा के लिए विशेष मुहूर्त न मिल पाए तो भी श्रद्धापूर्वक दिन में किसी भी समय गणेश जी की आराधना की जा सकती है।


गणेश पूजा में क्या-क्या लगता है? (पूजा सामग्री)

गणपति पूजन में निम्न सामग्री का होना आवश्यक है:

  • गणेश जी की प्रतिमा या चित्र

  • सिंदूर और रोली

  • अक्षत (चावल)

  • दूर्वा घास (21 गांठ)

  • मोदक या लड्डू (भोग)

  • नारियल

  • फल (केला, सेब आदि)

  • पंचामृत (दूध, दही, शहद, घी और गंगाजल)

  • धूप, दीपक और अगरबत्ती

  • कलश, सुपारी और पान के पत्ते

  • फूल और माला

  • लाल कपड़ा और आसन

👉 इनमें से दूर्वा, मोदक और सिंदूर को गणेश जी का सबसे प्रिय माना गया है।


गणेश पूजा करने की विधि

  1. स्थान शुद्ध करें – पूजा करने से पहले घर या मंदिर स्थान को साफ कर लें और पवित्र जल छिड़कें।

  2. गणपति की स्थापना – लाल कपड़े पर भगवान गणेश की मूर्ति या चित्र रखें।

  3. संकल्प लें – हाथ में फूल, चावल और जल लेकर संकल्प करें – “मैं भगवान गणेश की पूजा विधिपूर्वक कर रहा/रही हूँ।”

  4. आसन और वस्त्र – गणपति को लाल वस्त्र पहनाएँ और आसन पर विराजित करें।

  5. अभिषेक करें – प्रतिमा को गंगाजल, पंचामृत से स्नान कराएँ।

  6. सिंदूर और अक्षत अर्पित करें – गणेश जी को सिंदूर और चावल चढ़ाएँ।

  7. दूर्वा अर्पित करें – 21 दूर्वा की गांठें भगवान गणेश को चढ़ाएँ।

  8. भोग लगाएँ – मोदक, लड्डू और फल अर्पित करें।

  9. आरती करें – धूप, दीप जलाकर गणपति की आरती करें।

  10. प्रसाद बांटें – पूजा समाप्त होने पर प्रसाद परिवार और मित्रों में वितरित करें।


गणेश पूजा के मंत्र

भगवान गणेश की पूजा में मंत्रों का विशेष महत्व है। इन मंत्रों का जप करने से मन शांत होता है और शुभ फल प्राप्त होते हैं।

प्रमुख मंत्र:

  1. विघ्नहर्ता मंत्र
    👉 ॐ गं गणपतये नमः

  2. शांति और समृद्धि मंत्र
    👉 वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ।
    निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥

  3. 21 नाम जप मंत्र
    👉 गणेश चतुर्थी पर 21 नामों का जप विशेष रूप से शुभ होता है।


गणेश पूजा का महत्व

  • भगवान गणेश की पूजा से बुद्धि, विवेक और ज्ञान की वृद्धि होती है।

  • परिवार से विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं।

  • विद्यार्थी और व्यापारी दोनों के लिए यह पूजा सफलता और समृद्धि देने वाली है।

  • जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शांति का संचार होता है।


गणेश पूजा

गणेश पूजा केवल धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि आस्था और विश्वास का प्रतीक है। यदि श्रद्धा और नियमपूर्वक पूजा की जाए तो हर कार्य में सफलता मिलती है। भगवान गणेश को प्रसन्न करने के लिए पूजा के समय विधि और मंत्रों का विशेष ध्यान रखें।

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