मुंबई में मानसून का प्रलय: मूसलाधार बारिश से महानगर बना टापू, रेड अलर्ट जारी Mumbai Rains

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मुंबई और उसके उपनगरीय इलाकों में पिछले 72 घंटों से जारी आफत की बारिश ने महानगर की रफ्तार पर ब्रेक लगा दिया है। सोमवार को हुई मूसलाधार बारिश के कारण शहर का सामान्य जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है, और मुंबई किसी टापू में तब्दील होती नजर आ रही है। शहर के अधिकांश निचले इलाके घुटनों से कमर तक पानी में डूब गए हैं, जिससे सड़कें दरिया बन गई हैं और यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। स्थिति की भयावहता को देखते हुए, भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मुंबई, ठाणे, पालघर और रायगढ़ के लिए अगले 48 घंटों का “रेड अलर्ट” जारी करते हुए नागरिकों को अत्यधिक सतर्क रहने की चेतावनी दी है।

सड़कें बनीं दरिया, थम गए पहिए

सोमवार की सुबह से ही शुरू हुई तेज बारिश दोपहर होते-होते प्रलयकारी रूप ले चुकी थी। शहर के प्रमुख इलाके जैसे अंधेरी, सायन, माटुंगा, दादर, कुर्ला, चेंबूर और हिंदमाता पूरी तरह से जलमग्न हो गए। अंधेरी सबवे को सुबह ही यातायात के लिए बंद कर दिया गया, जो हर मानसून में सबसे पहले प्रभावित होने वाले स्थानों में से एक है। वेस्टर्न और ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर वाहनों की कई किलोमीटर लंबी कतारें लग गईं, जिससे लोग घंटों तक अपने वाहनों में फंसे रहे। बेस्ट की कई बसें या तो रद्द कर दी गईं या उनके रूट बदल दिए गए। कई जगहों पर कारों और ऑटो-रिक्शा के पानी में बंद होने के दृश्य आम थे, और लोग अपनी गाड़ियों को धकेलते हुए नजर आए।

बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) के अनुसार, शहर में कुछ ही घंटों के भीतर 200 मिमी से अधिक बारिश दर्ज की गई, जो सामान्य से कई गुना अधिक है। आपदा प्रबंधन की टीमें और एनडीआरएफ को हाई अलर्ट पर रखा गया है, और वे जलमग्न इलाकों से लोगों को निकालने में मदद कर रही हैं।

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मुंबई की लाइफलाइन ‘लोकल’ पर संकट

मुंबई की धड़कन मानी जाने वाली लोकल ट्रेन सेवाएं भी इस बारिश से बुरी तरह प्रभावित हुई हैं। मध्य, पश्चिमी और हार्बर, तीनों ही लाइनों पर पटरियों में पानी भर जाने के कारण ट्रेन सेवाएं या तो निलंबित कर दी गईं या 25 से 40 मिनट की अत्यधिक देरी से चल रही हैं। कुर्ला, सायन और नालासोपारा जैसे स्टेशनों पर पटरियों का पानी में डूब जाना यात्रियों के लिए एक बड़ी मुसीबत बन गया। हजारों यात्री विभिन्न स्टेशनों पर फंसे रहे, और रेलवे प्रशासन भीड़ को नियंत्रित करने और स्थिति को सामान्य करने के लिए संघर्ष करता दिखा। रेलवे ने एक बयान जारी कर यात्रियों से अपील की है कि वे स्टेशनों पर भीड़ न लगाएं और अपनी यात्रा की योजना मौसम के अनुसार ही बनाएं।

हवाई यातायात और अन्य सेवाएं भी प्रभावित

भारी बारिश और खराब दृश्यता का सीधा असर छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर भी देखने को मिला। कई उड़ानों में एक से दो घंटे की देरी हुई, और कुछ उड़ानों को पास के हवाई अड्डों जैसे अहमदाबाद और पुणे की ओर डायवर्ट करना पड़ा। एयरलाइंस ने यात्रियों को उड़ान की स्थिति की जांच करने के बाद ही हवाई अड्डे के लिए निकलने की सलाह दी है।

इसके अलावा, शहर में बिजली आपूर्ति और इंटरनेट सेवाओं में भी रुकावट की खबरें हैं। कई इलाकों में बिजली के खंभों में शॉर्ट-सर्किट की घटनाओं को रोकने के लिए एहतियातन बिजली काट दी गई।

प्रशासन की अपील और भविष्य की चेतावनी

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने स्थिति की समीक्षा के लिए एक आपात बैठक की और बीएमसी और अन्य एजेंसियों को समन्वय के साथ काम करने का निर्देश दिया। बीएमसी ने शहर के सभी स्कूलों और कॉलेजों को मंगलवार, 19 अगस्त को बंद रखने का आदेश जारी किया है। नागरिकों से अपील की गई है कि वे समुद्र के किनारे और जलमग्न इलाकों से दूर रहें। आज शाम को आने वाले हाई टाइड (ज्वार) के कारण स्थिति के और बिगड़ने की आशंका है, क्योंकि यह समुद्र में बारिश के पानी की निकासी को बाधित करेगा।

मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि बारिश की यह तीव्रता अगले दो दिनों तक जारी रह सकती है। ऐसे में, मुंबई के लोगों के लिए आने वाले 48 घंटे बेहद चुनौतीपूर्ण होने वाले हैं। प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है, लेकिन प्रकृति के इस प्रकोप के सामने फिलहाल पूरा शहर बेबस नजर आ रहा है।

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