Rakesh Roshan Reveals: Krrish Mask: बनाने में लगे 6 महीने, ऋतिक के लिए रखा गया AC बस

Rakesh Roshan reveals: Krrish Mask

बॉलीवुड की दुनिया में जब भी भारतीय सुपरहीरो फिल्मों की चर्चा होती है तो सबसे पहले नाम आता है कृष का। 2006 में रिलीज़ हुई यह फिल्म न सिर्फ बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही, बल्कि इसने भारतीय सिनेमा में सुपरहीरो जॉनर की एक नई शुरुआत की। इस फिल्म के साथ ही दर्शकों ने पहली बार एक ऐसे भारतीय हीरो को देखा, जो हॉलीवुड सुपरहीरोज़ की टक्कर देता था। हाल ही में कृष के डायरेक्टर और प्रोड्यूसर राकेश रोशन ने फिल्म से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा साझा किया। उन्होंने बताया कि फिल्म में ऋतिक रोशन द्वारा पहना गया आइकॉनिक मास्क इतनी आसानी से नहीं बना था। इसे डिज़ाइन करने में पूरी टीम को पूरे छह महीने का वक्त लग गया।

मास्क डिज़ाइन करना क्यों था मुश्किल?

सुपरहीरो फिल्मों में मास्क सिर्फ एक कॉस्ट्यूम नहीं होता, बल्कि उसकी पहचान होता है। बैटमैन हो, स्पाइडर-मैन या फिर आयरन मैन—इन सभी की पहचान उनके मास्क से होती है। ऐसे में कृष के लिए भी मास्क डिज़ाइन करना आसान काम नहीं था। राकेश रोशन ने खुलासा किया कि शुरूआत में कई तरह के डिज़ाइन बनाए गए, लेकिन कोई भी उतना दमदार और प्रभावी नहीं लग रहा था।

फिल्म की टीम चाहती थी कि मास्क में भारतीयता की झलक भी हो और साथ ही वह देखने में इतना आकर्षक लगे कि दर्शकों के लिए तुरंत यादगार बन जाए। यही कारण था कि डिज़ाइनिंग टीम ने कई महीनों तक अलग-अलग सैंपल तैयार किए। कई बार मास्क का शेप बदला गया, कई बार मटेरियल बदला गया और कई बार लुक को पूरी तरह से बदलकर दोबारा ट्रायल किया गया।

आखिरकार छह महीने की मेहनत के बाद वह मास्क तैयार हुआ, जिसे आज भी लोग कृष की पहचान मानते हैं।

ऋतिक रोशन के लिए बड़ी चुनौती था मास्क पहनना

मास्क भले ही दर्शकों को बहुत शानदार लगता है, लेकिन इसे पहनना ऋतिक रोशन के लिए बिल्कुल आसान नहीं था। राकेश रोशन ने बताया कि लंबे समय तक मास्क पहनकर शूट करना एक बड़ी चुनौती थी। मास्क के अंदर पसीना आना, सांस लेने में दिक्कत और चेहरे पर लगातार दबाव रहना ऋतिक को थका देता था।

इसी समस्या को देखते हुए फिल्म के मेकर्स ने शूटिंग सेट पर एक स्पेशल AC बस का इंतजाम किया। जब भी मास्क पहनकर ऋतिक शूटिंग करते और उन्हें ब्रेक की जरूरत होती, तो वह तुरंत उस AC बस में जाकर आराम करते। वहां उन्हें ठंडा माहौल मिलता और मास्क पहनने से हुई घुटन कम हो जाती। यह कदम सिर्फ ऋतिक की सुविधा के लिए नहीं, बल्कि उनकी सेहत को ध्यान में रखकर उठाया गया था।

भारतीय सिनेमा में सुपरहीरो की नई पहचान

कृष का मास्क सिर्फ एक कॉस्ट्यूम नहीं था, बल्कि वह भारतीय सुपरहीरो कल्चर की नींव था। इससे पहले बॉलीवुड में कुछ फिल्में सुपरहीरो थीम पर बनीं जरूर थीं, लेकिन उनमें वैसा प्रभाव नहीं दिख पाया। कृष ने यह साबित किया कि भारतीय दर्शक भी अपने देश के सुपरहीरो को उतना ही पसंद कर सकते हैं, जितना हॉलीवुड के कैरेक्टर्स को।

फिल्म में मास्क ने ऋतिक रोशन के किरदार को रहस्यमयी और शक्तिशाली बनाया। जब भी ऋतिक उस मास्क के साथ स्क्रीन पर आते, दर्शकों को गर्व महसूस होता कि भारत का भी एक सुपरहीरो है।

मास्क के पीछे की सोच

राकेश रोशन और उनकी टीम ने मास्क डिज़ाइन करते समय सिर्फ आकर्षण पर ध्यान नहीं दिया, बल्कि यह भी सोचा कि मास्क के जरिए हीरो का व्यक्तित्व कैसे निखरेगा। मास्क का काला रंग, उसकी तीखी कटिंग और चेहरे को ढकने का अंदाज़ ऋतिक को और भी रहस्यमयी बना देता था।

इस मास्क की वजह से कृष सिर्फ एक फिल्म नहीं रही, बल्कि एक ब्रांड बन गई। खिलौनों से लेकर स्कूल बैग तक, हर जगह बच्चों ने कृष का मास्क अपनाया।

कृष फ्रेंचाइज़ी की सफलता

2003 में आई कोई… मिल गया से शुरू हुई यह यात्रा कृष और कृष 3 तक पहुंची। हर फिल्म के साथ मास्क और किरदार की लोकप्रियता और बढ़ती गई। कृष का यह मास्क इतना पॉपुलर हुआ कि बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी ने इसे अपनाया।

फ्रेंचाइज़ी की सफलता ने यह साबित कर दिया कि भारतीय दर्शक भी सुपरहीरो कहानियों के लिए उतने ही उत्साहित हैं। आज भी जब भी कृष 4 की चर्चा होती है, सबसे पहले सवाल यही उठता है कि इस बार मास्क कैसा होगा।

मास्क की वजह से बढ़ा फिल्म का इमोशनल कनेक्शन

सुपरहीरो फिल्मों में मास्क सिर्फ ताकत की निशानी नहीं होता, बल्कि एक इमोशनल कनेक्शन भी बनाता है। कृष के मास्क ने भारतीय दर्शकों को यही अहसास दिलाया। जब ऋतिक मास्क पहनकर किसी की मदद करते या खलनायकों से लड़ते, तो दर्शकों को लगता कि यह कोई विदेशी सुपरहीरो नहीं, बल्कि उनका अपना हीरो है।

आने वाली कृष 4 और उम्मीदें

राकेश रोशन पहले ही बता चुके हैं कि वह कृष 4 बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं। ऐसे में सबसे ज्यादा चर्चा इसी बात की है कि इस बार मास्क कैसा होगा। दर्शक उम्मीद कर रहे हैं कि एक बार फिर से मास्क ऐसा बनाया जाएगा जो फिल्म की पहचान बन सके।


Hrithik Roshan on Krrish Mask

राकेश रोशन का यह खुलासा कि कृष का मास्क तैयार करने में पूरे छह महीने लगे और ऋतिक रोशन के लिए खास AC बस का इंतजाम किया गया, यह साबित करता है कि फिल्मों में दिखने वाली छोटी-छोटी चीज़ों के पीछे कितनी मेहनत छिपी होती है। यह मास्क सिर्फ एक डिज़ाइन नहीं था, बल्कि भारतीय सुपरहीरो संस्कृति का प्रतीक बन गया।

आज भी जब दर्शक कृष को याद करते हैं, तो उनके दिमाग में सबसे पहले ऋतिक का वह मास्क ही आता है। यही वजह है कि यह मास्क भारतीय सिनेमा के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हो गया है।

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