पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने कठोर तपस्या करके भगवान शिव को प्रसन्न किया। इसके बाद शिव-पार्वती का दिव्य मिलन हुआ। इसी कारण यह व्रत पति की दीर्घायु और अखंड सौभाग्य के लिए किया जाता है।
– सूर्योदय से पहले स्नान करके व्रत का संकल्प लें। – पूरे दिन निर्जला व्रत रखा जाता है। – शाम को भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है।