मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने वैशाली में किया ‘बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय’ का ऐतिहासिक उद्घाटन

वैशाली, 29 जुलाई 2025:
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मंगलवार को वैशाली में “बुद्ध सम्यक दर्शन संग्रहालय सह स्मृति स्तूप” का भव्य उद्घाटन किया। यह ऐतिहासिक आयोजन न केवल बिहार के सांस्कृतिक गौरव का प्रतीक है, बल्कि पूरे विश्व के बौद्ध अनुयायियों के लिए श्रद्धा और आस्था का नया केंद्र भी बनेगा।

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इस कार्यक्रम में श्रीलंका, जापान, नेपाल, तिब्बत, म्यांमार, थाईलैंड और चीन जैसे देशों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी ने इसे एक अंतरराष्ट्रीय मंच प्रदान किया। उद्घाटन के साथ ही यह संग्रहालय बौद्ध सर्किट का प्रमुख केंद्र बन गया है।


संग्रहालय की प्रमुख विशेषताएँ

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इस अत्याधुनिक संग्रहालय को 21वीं सदी की तकनीक और बौद्ध कला के समन्वय से बनाया गया है। इसके प्रमुख आकर्षण हैं:

  • बुद्ध के जीवन चक्र को दर्शाते डिजिटल गैलरी और 3D प्रस्तुति

  • प्राचीन बौद्ध धर्मग्रंथों और दुर्लभ मूर्तियों का संग्रह

  • स्मृति स्तूप जो बुद्ध की शिक्षाओं और ध्यान की शक्ति को दर्शाता है

  • विदेशी भाषाओं में ऑडियो गाइड सुविधा

  • पर्यावरण के अनुकूल ग्रीन बिल्डिंग डिज़ाइन


नीतीश कुमार ने क्या कहा?

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा:

“वैशाली भगवान बुद्ध की पावन भूमि है। यहां यह संग्रहालय स्थापित कर हमने बौद्ध इतिहास को संरक्षित रखने और वैश्विक पर्यटकों को आकर्षित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। यह न केवल बिहार की सांस्कृतिक शक्ति को दिखाता है बल्कि युवाओं को रोजगार और सम्मान का अवसर भी देगा।”

उन्होंने यह भी घोषणा की कि आने वाले वर्षों में वैशाली और अन्य बौद्ध स्थलों को जोड़ने वाला नया पर्यटन मार्ग विकसित किया जाएगा।


अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों की सराहना

श्रीलंका से आए बौद्ध भिक्षु थेरो अजनाथ ने कहा:

“बुद्ध सम्यक दर्शन म्यूज़ियम भारत और विशेषकर बिहार की उस ऐतिहासिक भूमिका को सशक्त करता है जिसे पूरी बौद्ध दुनिया श्रद्धा से देखती है।”

जापान के प्रतिनिधि ने इसे “विश्व शांति और करुणा का प्रतीक स्थल” बताया और भारत सरकार का आभार जताया।


वैशाली का गौरवमयी अतीत

वैशाली वह ऐतिहासिक भूमि है जहाँ भगवान बुद्ध ने कई वर्ष तपस्या और उपदेशों में बिताए। यहीं उन्होंने भिक्षुणी संघ की स्थापना की और यहीं से विश्व को सम्यक दर्शन, करुणा और ध्यान का मार्ग मिला। ऐसे में यह संग्रहालय न केवल ऐतिहासिक स्मृति है, बल्कि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए अध्यात्म और शिक्षा का स्रोत भी होगा।


पर्यटन और स्थानीय विकास को मिलेगा बढ़ावा

इस संग्रहालय से न केवल वैशाली का नाम रोशन होगा, बल्कि यहाँ पर्यटन और आर्थिक गतिविधियों को भी बल मिलेगा:

  • अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या में वृद्धि

  • स्थानीय युवाओं को मिलेगा रोजगार

  • होटल, टूर गाइड, हस्तशिल्प व ट्रांसपोर्ट क्षेत्र को मिलेगा समर्थन

  • वैशाली को UNESCO हेरिटेज साइट घोषित करने की मांग को मिलेगा बल

बुद्ध सम्यक दर्शन म्यूज़ियम सह स्मृति स्तूप” का उद्घाटन बिहार के लिए एक स्वर्णिम क्षण है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की दूरदृष्टि और प्रयासों ने न केवल बिहार को अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहचान दिलाई, बल्कि बौद्ध अनुयायियों के लिए एक नया तीर्थस्थल भी दिया। यह संग्रहालय आने वाले वर्षों में वैशाली को बौद्ध दुनिया का सांस्कृतिक और पर्यटन केंद्र बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।

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